मधुमक्खी पालन बिजनेस ( BEE FARMING BUSINESS ) से कमाये ₹ 14.75 लाख स्टेप बाई स्टेप जानकारी | EARN ₹ 14.75 LAKHS FROM BEEKEEPING OR BEE FARMING BUSINESS STEP BY STEP INFORMATION IN HINDI

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Table of Contents

मधुमक्खी पालन बिजनेस का परिचय ( INTODUCTION OF BEEKEEPING BUSINESS OR BEE FARMING IN HINDI )

सभी जानते है कि मधुमक्खी पालन बिजनेस ( BEEKEEPING BUSINESS OR BEE FARMING ) एक ऐसा व्यवसाय है जो की कभी ख़त्म नहीं होगा | मधुमक्खी मुख्य रूप से शहद और मोम का उत्पादन करती है, सभी जानते ही शहद हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है, और सबसे महत्वपूर्ण इसकी औषधि गुण के कारण इसकी वरियता आज भी आयुर्वेद में है, मधुमक्खी पालन का व्यापार मुख्य रूप से कृषि के साथ साथ होने वाला एक बहुत ही लाभकारी व्यापार है, आज इस बढती जनसख्या में एक से एक बीमारी का ईजात हो रहा जिसमे से एक सबसे बड़ी और आम समस्या है ,मोटापा तो इसको भी कम करने के लिए लोग शहद का सेवन कर रहे, इतना ही नहीं पाचन प्रक्रिया में सुधार से लेकर कमजोरी दूर को करने के लिए भी मुख्य रूप से  शहद का इस्तेमाल होता है. आज लोग अपने जरूरत और अलग-अलग तरीके के हिसाब से शहद का उपयोग कर रहे  हैं. इनसबको जरूरत को देखते हुए आज शहद की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और मुख्यतः बात करे की बड़ी से बड़ी कंपनियां भी शहद की पूर्ती करने में समर्थ नहीं है और आज का मानव आधुनिक हो गया है तो कोई भी शुद्धता से समझौता नहीं करना चाहता है तो कई बार  शहद की शुद्धता भी एक बहुत बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह बन जाता हैं क्योंकि देखा जाए तो बहुत सी कंपनियों में शहद में कुछ न कुछ  मिलावट पाई गई |

अब आपको बता दे की अगर आप भी एक अच्छा और लाभकारी बिजनेस का विकल्प तलाश कर रहे हैं तो हमारा ये ब्लॉग आपके लिए है इसके पहले भी मैंने  एक मधुमक्खी पालन का ब्लॉग लिखा है जिसमे आपको मधुमक्खी पालन की सम्पूर्ण विवरण का उल्लेख किया गया है |

मधुमक्खी पालन क्या है  ( WHAT IS BEEKEEPING IN HINDI )

मधुमक्खी पालन के परिचय के बाद आएये अब हम जानते है, की मधुमक्खी पालन आखिर होता क्या है? कैसे करते है ? इससे होने वाले लाभ है? तो ब्लॉग में आगे बढ़ने से पहले आपको बता दू की मधुमक्खी पालन कहते किसे है तो मधुमक्खी पालन मुख्य रूप से मधु या शहद (Honey) एवं मोम (Wax) उत्पादन करने हेतु व्यावसायिक स्तर पर मधुमक्खियों को पालना ही, मधुमक्खी पालन कहलाता है। मधुमक्खी पालन के मुख्य रूप से बड़े-बड़े मधुमक्खी को फॉर्म स्थापित किये जाते हैं, जिन्हें  मुख्यतः मधुवाटिकाएँ कहते हैं। इस फार्म में  मधुमक्खी को वैज्ञानिक विधियों  द्वारा पालन पोषण किया जाता है।

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मधुमक्खी पालन के लिए प्रमुख स्थान निर्धारण व प्रबंधन ( DESIDE PLACES FOR BEEKEEPING AND MANAGEMENT OF BEE KEEPING IN HINDI )

  • मधुमक्खी पालन के लिए स्थान चुनाव मुख्य रूप से 2 से 3 किलोमीटर क्षेत्र में पेड़-पौधे बहुतायत में हों, जिससे की पराग एवं मकरन्द भरपूर मात्रा में वर्षभर मिल सकें।
  • जो चयनित स्थान है वहाँ पर मुख्य रूप से तेज हवाओं का सीधा प्रभाव नहीं होना चाहिए,  अगर स्थान पर छायादार पेड़ पौधे नहीं है, तो वहां मुख्यतः अप्राकृतिक रूप से छाया बनाना चाहिए ।
  • स्थान का चिन्हान्कन्न मुख्य रूप से ऐसे जगह करना चाहिए जहा पर मुख्य सड़क से थोड़ा दूर पर हो तथा भूमि समतल एवं पानी का भी निकास उचित  व्यवस्था होना चाहिए ।
  • चयनित स्थान के पास के लिए साफ और बहता हुआ पानी अथवा नदी-नाला या जल का प्रमुख स्रोत मधुमक्खी पालन के लिए अत्यंत आवश्यक है।

मधुमक्खी पालन हेतु उपयुक्त मौसम ( CHOOSING BEST SEASON FOR BEEKEEPING IN HINDI )

मधुमक्खी पालन के लिए मुख्य रूप से अधिक गर्मी, सर्दी एवं लगातार वर्षा एकदम अच्छा नहीं होता है। मधुमक्खियां मुख्यतः 27 से 32 डिग्री सेल्सियस तापक्रम पर ज्यादा काम करती हैं। बिहार प्रदेश में  इस तरह का तापक्रम वर्ष के अधिकांश महीनों में रहता है। मधुमक्खी  पालन के लिए प्रतिकूल तापक्रम (10 डिग्री सेल्सियस से नीचे एवं 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर) मुख्य रूप से होना चाहिए| मधुमक्खी पालन के लिए माह की बात करे तो जनवरी से मार्च का माह को सबसे उपयुक्त माना जाता है, लेकिन अगर बात करे व्यावसायिक स्तर की तो नवम्बर से फरवरी का समय , जब खतों में विभिन्न प्रकार की फसलें  लगी हो और वह अपने पुष्पन की मुख्य अवस्था में हो, तो यह व्यवसाय के लिए एक वरदान माना गया है।

मधुमक्खी के प्रकार और मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए उपयोगी मधुमक्खी की प्रजातिय ( TYPE OF BEES AND SPECIES OF BEES USEFUL FOR BEEKEEPING BUSINESS OR BEE FARMING IN HINDI )

भारत वर्ष में मधुमक्खियों की मुख्य रूप से पांच प्रजातियां पायी जाती हैं। जिसमे की भंवर, भैंरो या पहाड़ी मधुमक्खी (Apis dorsata ), छोटी मधुमक्खियां, उरम्बी मधुमक्खी(Apis florea), देशी या भारतीय मधुमक्खी (Apis cerana indica ), इटैलियन या यूरोपियन मधुमक्खी ( Italian or European bee ), इगोना (लुत्ती मधुमक्खी) आदि आते है। इन मधुमक्खियो में से मुख्य रूप से एपिस सेराना इंडिका ( Apis cerana indica ) व एपिस मेलिफेरा ( Apis Mellifera )प्रजाति की मधुमक्खियों मुख्य रूप से  सरलतापूर्व से लकड़ी के बक्सों में आसानी पाला जा सकता है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए अधिक शहद उत्पादन करने वाली मधुमक्खी एपिस मेलीफेरा है, और  साथ ही साथ इनका स्वभाव भी शांत होता हैं। मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए मधुमक्खी खरीदने के लिए आपको मुख्य रूप से दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा और अनेक प्रमाणित संस्थाएं है जो की प्रमाणिक है उनसे ही खरीदना उचित होता है, और राज्य सरकार के कुछ विभाग जैसे उद्यान विभाग ( Horticulture department), कृषि विज्ञान केन्द्र ( KVK) एवं कृषि विश्वविद्यालय ( Agriculture university) या शोध संस्थानों ( Research institute) से भी मधुमक्खी लिया ले सकते है।

मधुमक्खी पालन में प्रयोग होने वाले उपकरण ( BEEKEEPING EQUIPMENTS IN HINDI )

मधुमक्खी पालन में  अनेक उपकरणों  का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मुख्यतः

  • मधुमक्खी पालन बॉक्स ( BEEKEEPING BOX )
  • मौन पेटिका
  • मधुनिष्कासन यंत्र
  • स्टैंड
  • छीलन छुरी
  • छत्ताधार
  • रानी रोक पट
  • हाईवे टूल (खुरपी)
  • रानी रोक द्वार
  • नकाब
  • रानी कोष्ठ रक्षण यंत्र
  • दस्ताने
  • भोजन पात्र
  • धुआंकर
  • ब्रुश      

मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण एवं मधुमक्खी पालन लोन ( BEEKEEPING TRAINING AND BEE KEEPING LOAN IN HINDI)

क्या आप जानते है की मधुमक्खी पालन के लिए आपकी मदद कहाँ से मिल सकती है तो आपको बता दे की सरकार मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण एवं मधुमक्खी पालन के लिए लोन ( BEEKEEPING TRAINING AND BEEKEEPING LOAN ) उपलब्ध करती है| बस केवल आपको कुछ चीजों की मुख्य रूप से जरूरत है जैसे की अच्छी प्लानिंग (Planning) और थोडा बहुत जानकारी जिससे की आप ट्रेनिंग में जो भी बिंदु समझाया जाए उससे अच्छे से समझ कर लाभ कमा सके| मधुमक्खी पालन मुख्य रूप से  एक लघु उद्योग (Small Industry) में आता है, जिसके लिए हम मुख्य रूप से सरकार से 2 से 5 लाख तक की आर्थिक सहायता (Loan) ले सकते है| मधुमक्खी पालन का बिजनेस मुख्य रूप से  MSME (Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises )विभाग के अंदर आता है, इसके लिए ये मुख्य रूप से केंद्र (Central Government) और राज्य सरकार (State Government) की तरफ से बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही है |

मधुमक्खी पालन लोन योजना का आवेदन कैसे करे ( HOW TO APPLY FOR BEEKEEPING LOAN SCHEME IN HINDI)

आएये जानते है की मधुमक्खी पालन लोन योजना ( BEEKEEPING LOAN SCHEME ) का आवेदन कैसे किया जाए तो आपको बता दे की कोई भी किसान किसी भी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले सरकार के द्वारा चयन किया जाएगा और बाद में चयनित किसान को इसके लिए प्राथमिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। समाचार पत्रों के अनुसार हर राज्य में इस बार 50 मधुमक्खी पालन का मुख्य लक्ष्य रखा गया है, और इस योजना के अंतर्गत  मुख्य रूप से राष्ट्रीय कृषि विकास द्वारा 50% का अनुदान दिया जाएगा जिसमे भाग लेने या अप्लाई करने  की सम्पूर्ण जानकारी कुछ इस प्रकार है :-

  • सबसे पहले मधुमक्खी पालन लोन योजना ( BEEKEEPING LOAN SCHEME )  में आवेदन करनें के लिए मुख्य रूप से आपको राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन की ऑफिशियल वेबसाइट जो की  www.govtyojana.com है, पर जाना होगा |
  • ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर फिर होम पेज पर आपको मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिंक पर जाकर क्लिक करना होगा |
  • अब आपके सामनें एक पेज खुलेगा, जिसमें दिए गये सभी दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक से पढ़कर अगला यानि Next पर क्लिक करे |
  • अब आपके सामनें एक आवेदन पत्र (Application form ) खुलेगा, जिसे  की आपको  डाउनलोड करना होगा।
  • एप्लीकेशन फॉर्म को अच्छे से पढने के बाद उसे ध्यानपूर्वक भरकर अपने नजदीकी मधुमक्खी पालन केंद्र में जाकर जमा करना होगा।
  • अगर आप विभाग के द्वारा इस व्यवसाय के लिए मुख्य रूप से सभी बिंदु पर खरा उतारते है तथा आपको मधुमक्खी पालन के लिए चयनित कर लिया जाता है तो आपको मधुमक्खी पालन लोन योजना ( BEEKEEPING LOAN SCHEME ) के तहत मुख्य प्रशिक्षण और अपना व्यवसाय को सुचारू रूप से चलने के लिए सरकार द्वारा  ऋण प्रदान किया जायेगा।

मधुमक्खी पालन लोन योजना पात्रता ( BEEKEEPING LOAN SCHEME ELIGIBILITY )

आईये जानते है कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो कि मधुमक्खी पालन लोन योजना ( BEEKEEPING LOAN SCHEME ) के लिए सरकार के द्वारा पात्रता रखी जाती है। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो पात्रता के नियम को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए मुख्य रूप से उन किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो मधुमक्खी पालन का काम पहले किया हो और जनता हो | इस योजना के तहत मुख्य रूप से लाभ उठाने वाले किसानों की चिहांकन की सूची सम्बंधित विभाग के द्वारा तैयार की जाएगी। बाद में चयनित किसानों को इस योजना के तहत सम्पूर्ण प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

  • सिर्फ भारतीय नागरिक ही इस योजना का लाभ उठा सकते है |
  • जो भी किसान और आम आदमी आवेदन कर रहा है उसको कम से कम 8वीं पास होना जरुरी है |
  • इस योजना के तहत ऐसे किसानों को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जाएगी जो कि मधुमक्खी पालन का कार्य पहले कर चुके है या तो उसके बारे में जानते है |
  • इस योजना के अंतर्गत जो भी लाभार्थि है, उनको निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

मधुमक्खी पालन लोन योजना के लिए दस्तावेज (DOCUMENTS FOR BEEKEEPING LOAN SCHEME)

  • आधार कार्ड (Aadhar Card) का फोटो कॉपी
  • निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
  • बैंक पास बुक (Bank Passbook)
  • मोबाइल नंबर (Mobile Number)
  • पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)

कुछ मुख्य मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण संस्थान या मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केंद्र ( SOME IMPORTANT INSTITUTE OF BEEKEEPING OR BEEKING TRAINING CENTER )

प्रत्येक राज्य और कृषि विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में मधुमक्खी पालन के लिए पढ़ाई, प्रशिक्षण एवं ज्ञान सृजन की सम्पूर्ण व्यवस्था की गयी है, लेकिन यहाँ कुछ विशेष इकाईयों का ही विवरण निम्नवत है।

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान जो की पूसा रोड, नई दिल्ली में है |
  • राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, बी इंस्टीट्यूशनल एरिया, अगस्त क्रांति मार्ग, हौज खास, नई दिल्ली
  • केन्द्रीय मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, ग्रामोद्योग आयोग, गणेशखिंड रोड, पुणे
  • राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड, लाल कोठी, जयपुर, राजस्थान
  • ल्यूपिन ह्यूमन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन, कृष्णानगर, भरतपुर, राजस्थान
  • मधुमक्खी पालन एंव शोध संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा।

मधुमक्खी पालन के लिए सरकारी सब्सिडी कितनी मिलती है ? ( HOW MUCH GOVERNMENT PROVIDES SUBSIDY FOR BEEKEEPING IN INDIA IN HINDI OR GOVERNMENT SUBSIDY ON BEE FARMING BUSINESS IN INDIA IN HINDI )

क्या आप भी मधुमक्खी पालन को शुरूआत व्यवसाय ( INITIAL BEE FARMING BUSINESS ) के तौर पर करना चाहते हैं तो आपको बता दे की सरकार हनी प्रोसेसिंग प्लांट ( Honey Processing Plant ) के लिए मुख्य रूप से कुल लागत का 65 फीसदी लोन देती है | इसके अलावा  भी सरकार 25 % की सब्सिडी मुख्य रूप से देगी. इसका मतलब यह है की जो आपको 35 फीसद पूंजी लगानी थी मुख्यतः सब्सिडी मिलने के बाद वह मात्र घटकर 10 फीसदी ही रह जाएगी.  तो इस तरह मात्र आपको कुल लागत का केवल 10 % ही लगाना होगा|  इस योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से हर किसान को फ्रेम लगे हुए 3 डिब्बे दिए जाएंगे और हर किसान को विशेषतौर पर एक प्रेम पर 800 तक का अनुदान देने का प्रावधान है।

मधुमक्खी फार्म की जानकारी ( HONEY BEE FARMING INFORMATION IN HINDI )

मधुमक्खी पालन से आप अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है, फार्म के एक मधुमक्खी के बक्से से आपको वर्ष भर में 40-50 किलोग्राम शहद  प्राप्त होता है और साथ ही साथ 2 से 3 बक्से मधुमक्खियाँ भी प्राप्त हो जाती है, प्राप्त हुई इन नयी मधुमक्खियों से आप पुनः इस व्यापार बढ़ाने में  मदद प्राप्त होती है. मधुमक्खी पालन के उपयोग में आने वाले बाक्स मुख्य रूप से 12 इंच चौड़ा और 22 इंच लंबा होता है। एक बक्से की बात करे तो उसमें लगभग 10 या उससे कम फ्रेम होती है।

मधुमक्खियों की संख्या ( NUMBER OF BEES )

एक डिब्बे में मुख्य रूप से कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियाँ रखी जाती है, जिसमे की रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खी और श्रमिक मधुमक्खी का विशेषकर भूमिका होती हैं | एक बक्सा में श्रमिक मधुमक्खी की संख्या आमतौर पर 30,000 से 1 लाख तक की होती है जिसमे की नर मधुमक्खी की संख्या 100 के लगभग आस-पास की होती है, और रानी मधुमक्खी की संख्या मात्र 1 होती है.

मधुमक्खियों की आयु ( AGE OF BEES )

विभिन्न श्रेणी के मधुमक्खियों की आयु मुख्य रूप से अलग-अलग होती है, आमतौर पर रानी मधुमक्खी की आयु 1 वर्ष की, नर मधुमक्खी की आयु की बात करे तो यह  6 महीने और श्रमिक मधुमक्खी की आयु बहुत कम होती है, ये लगभग डेढ़ महीने की होती है.

मधुमक्खी पालन में लगने वाला लागत और मधुमक्खी पालन से होने वाला मुनाफा ( COST OF BEEKEEPING AND PROFIT IN BEE FARMING BUSINESS IN HINDI )

मधुमक्खी पालन का बिजनेस ( BEE FARMING BUSINESS ) लघु व्यवसाय से शुरू करके एक बड़े व्यापार में बदला जा सकता है। मधुमक्खी पालन का व्यवसाय ( BEE FARMING BUSINESS ) एक अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय माना जा रहा और अगर इसका ज्यादा लाभ लेना है तो मधुम्ख्ही पालन और शहद प्रसंस्करण के लिए मुख्य रूप से इसकी इकाई यूनिट को स्थापित करके प्रोसेसिंग प्लांट की मदद से मधुमक्खी पालन व्यापार को सफलतापूर्वक कर के लाभ कमाया जा सकता है। एक लकड़ी डिब्बे ( Wooden Box ) के मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले 50 kg कच्चा शहद को आमतौर पर 100 रु/ Kg के हिसाब से बेचा जाता है।

अतः प्रत्येक डिब्बे से आपको  मुख्य रूप से रू 5,000 प्राप्त होते हैं। बड़े पैमाने की बात करे तो इस व्यापार से प्रति महीने 1 लाख 15 हजार रूपए तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है। बड़े पैमाने पर मुख्य रूप से  व्यापार के लिए तैयार किये गये शहद का मूल्य औसतन रू 250 / Kg के आस-पास का होता है। पुराने शहद की मांग मुख्य रूप से बाजारों में रहती है क्योंकि यह बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध होती है। जैविक शहद का मूल्य/दाम बाजार में अच्छा होता है। 1 Kg जैविक शहद का मूल्य 400 से 700 रुपये तक हो सकता है। अगर आप यह व्यापार बड़े पैमाने पर करना चाहते है, अर्थात प्रति वर्ष 20,000 Kg शहद बनाना चाहते हैं, तो आपको बता दे की इस की कुल लागत लगभग 24 लाख 50 हजार रूपये ( 24 LAKHS 50 THOUSENDS ) आती है, और इससे ज्यादा आपको लाभ भी बहुत अधिक होता है।

  • 100 बॉक्स लेकर मधुमक्खी पालन करना है तो अगर 50 Kg / बॉक्स शहद मिले तो कुल शहद (50*100) = 5000 Kg मिलेगा अगर वही हम 400 रुपये /Kg के हिसाब से 400 Kg बेचने पर (400 * 5000) = 20,00,000 रुपये प्राप्त होगा
  •  प्रति बॉक्स खर्च 3500 रुपये आता है, तो आपको कुल खर्च 3,50,000 रूपये (3500 *100) होगा और शुद्ध लाभ मुख्य रूप से 20,00,000-3,50,000 = 16,50,000 रुपये होगा।
  • अगर आप अन्य खर्चे की बात करे तो एक बॉक्स पर 1,750 रुपया  ( 1,750*100)=1,75,000 तो शुद्ध लाभ 16,50,000-1,75,000=14,75,000 रुपये होगा।

नोटः यह व्यापार मुख्य रूप से प्रति वर्ष मधुमक्खियों की संख्या के बढ़ने के साथ ही साथ 3 गुना अधिक बढ जाता है, और अगर आप 10 पेटी से आरम्भ कर रहे तो ये व्यापार 1 वर्ष  में मुख्य रूप से  25 से 30 पेटी का भी हो सकता है।

मधुमक्खी पालन के लाभ ( BENEFIT OF BEEKEEPING )

  • मधुमक्खी पालन एक लघु व्यवसाय है जिससे आप शुरू कर के बहुत ही कम समय में अधिक मुनाफा  प्राप्त कर सकते है |
  • मधुमक्खी पालन किसी भी समूह या एक व्यक्ति द्वारा प्रारम्भ किया जा सकता है, बाजारों में शहद और मोम की मांग में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है।
  • इस व्यवसाय के अंतर्गत आप केवल शहद और मोम ही नहीं इसके साथ ही साथ रायल जेली उत्पादन, पराग, मौनी विष आदि मुख्य रूप से प्राप्त कर सकते है।
  • मधुमक्खी पालन मुख्यतः कम उपज वाले खेतों में भी कर सकते है, जहा पर मधुमक्खी के मोम का भारी मात्रा में उत्पादन किया जा सकता है।
  • मधुमक्खी पालन केवल मुनाफा ही नहीं बल्कि पर्यावरण पर भी इसका प्रभाव बहुत ही सकारात्मक पड़ता है।
  • मधुमक्खियां अपना एक महत्वपूर्ण भूमिका कृषि में भी डालती है इसमें विभिन्न प्रकार फूलवाले पौधों जैसे सूर्यमुखी आदि के उत्पादन मात्रा बढ़ाने में सहयोग करती है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय में होने वाली चुनौतिया ( CHALLENGES IN BEEKEEPING BUSINESS OR BEE FARMING )

  • सबसे बड़ी और मुख्य समस्या की ट्रेनिंग और ज्ञान का मुख्य स्त्रोत ना पता होना |
  • मधुमक्खियों के लिए आवश्यक पुष्प स्रोत प्राप्त कराना |
  • रानी मधुमक्खियों को  मुख्य और खास ध्यान रखना और संभालना |
  •  बहुत ज्यादा जानकारी का आभाव के कारण मधुमक्खी कॉलोनी का स्वास्थ्य की अच्छे से देख भाल ना कर पाना |
  • शहद की कीमतें और बाजार की मांग भी एक चुनौती ही है |
  • कृषि रासायनिक आदानों का अनुचित अनुप्रयोग जिसके कारण शहद का उत्पादन में कमी |
  • आज की आधुनिक छत्ता और उपकरणों की उच्च लागत |
  • मधुमक्खी पालन में लगने वाले रोग |

मधुमक्खी पालन व्यवसाय के कुछ रोचक तथ्य ( SOME INTERESTING FACTS ABOUT BEEKEEPING BUSINESS OR BEE FARMING )

  • क्या आप जानते है इस तथ्य को की मधुमक्खियों की  मुख्य रूप से 20,000 से भी ज्यादा प्रजातियाँ है लेकिन इनमें से  मुख्य रूप से सिर्फ 5 ही शहद बना सकती है |
  • एक छत्ते में मुख्य रूप से 20 से 60 हजार मादा मधुमक्खियाँ, जिसमे से 100 नर मधुमक्खियाँ और 1 ही रानी मधुमक्खी होती है, इनका छत्ता आमतौर पर मोम से बना होता है जो की इनके पेट की ग्रंथियों से निकलता है |
  • मधुमक्खी धरती पर अकेली ही एक ऐसी कीट (insects) है जिसके द्वारा बनाया गया भोजन मुख्य रूप से मनुष्य द्वारा खाया जाता है |
  • मधुमक्खी पालन केवल मादा (Worker bee) मधुमक्खी ही शहद बना सकती है, और डंक भी मार सकती है, नर मधुमक्खी (drones) तो केवल रानी के साथ संबंध बनाने के लिए पैदा होते है |
  • अगर बात करे किसी आदमी को मारने की तो आपको बता दे की मधुमक्खी के 100 डंक काफी है |
  • मधुमक्खी, शहद को आमतौर पर पहले ही पचा देती है इसलिए इसे हमारे खून तक पहुंचने में मात्र 20 मिनट लगते है |
  • 1 किलो शहद बनाने के लिए मुख्य रूप से पूरी मधुमक्खियों को लगभग 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है, और 90,000 मील मुख्यतः उड़ना पड़ता है, यह धरती के विशेषकर तीन चक्कर लगाने के बराबर है |
  • शहद में ‘Fructose’ की मात्रा अधिक होने की वजह से यह चीनी से भी 25% अधिक मीठा होता है |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQs ):

प्रश्न- मधुमक्खी पालन ( BEE FARMING BUSINESS ) का व्यवसाय कैसे करें?

उतर– मधुमक्खी पालन का व्यवसाय ( BEE FARMING BUSINESS ) करने के लिए कुछ खास बातो का ध्यान रखना बहुत जरुरी है –
1.सबसे पहले आपको मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण (TRAINING OF BEE KEEPING) एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करना होगा |
2.मधुमक्खी पालन के लिए एक उचित साईट का चयन करें |
3.मधुमक्खी पालन की उपयोगी उपकरण बनवाएं या खरीदें और साथ ही साथ परागण का प्रबंध करें |
4.मधुमक्खियों एवं उनके उत्पाद को कीट एवं रोगों से मुक्त रखें |

प्रश्न- मधुमक्खी पालन में कितना खर्च आता है?

उतर- मधुमक्खी पालन के खर्चे की बात करे तो यह आमतौर पर मधुमक्खी पालन बॉक्स पर निर्भर करता है कि आप कितने बॉक्स से ये व्यवसाय प्रारम्भ कर रहे | 10 बॉक्स वाली इकाई लगाने में करीब दो लाख रुपए तक का खर्च आता है ।

प्रश्न- मधुमक्खी पालन कौन सा उद्योग है?

उतर- मधुमक्खी पालन एक कृषि उद्योग है |

प्रश्न- मधुमक्खी पालन करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

उतर- अक्टूबर-नवंबर में मधुमक्खी पालन प्रारम्भ करने का सबसे उचित समय है। क्योंकि इस समय में मुख्यतः फूल अधिक संख्या में मिलते हैं, और साथ ही साथ फरवरी-मार्च तक में फूलों की संख्या अधिक होती है, इससे की मधुमक्खी की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।

प्रश्न- मधुमक्खी कौन से महीने में अंडा देती है?

उतर- अक्तूबर से दिसम्बर तक का समय मधुमक्खियों के अंडे देने का होता है।

प्रश्न- मधुमक्खी का शहद कैसे उतारा जाता है?

उतर- मधुमक्खियां मुख्य रूप से अपने शहद को षट्कोणीय छत्ते में भरती हैं, और जब एक बार यह भर जाती हैं, तो वे मुख्यतः छत्ते को मोम से सील कर देती हैं जिससे वह लीक न हो. इस मोम को मधुमक्खी पालक द्वारा हर फ्रेम से हटा दिया जाता है ताकि मधुमक्खी पालक शहद तक पहुंच सके ।

प्रश्न- मधुमक्खी के एक बॉक्स का मूल्य क्या होता है ?

उतर- मधुमक्खी पालन बॉक्स ( HONEY BEE BOX PRICE ) की कीमत मुख्य रूप से चार हजार रुपए है जिसमें की मधुमक्खी, छत्ता सहित बक्सा भी रहता है। किसानों को मधुमक्खी पालन योजना के अंतर्गत एक बक्से पर 75 प्रतिशत का अनुदान मिलता है।

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About sapana

Studied MSc Agriculture from Banaras Hindu University and having more than 2 years of field experience in field of Agriculture.

3 comments

  1. Yogendra Kushwaha

    Sir hum bee keeping ka trenig kar chuka hu aur 10 box hai hamare pass madhumakhi hai kary chal raha hai 🍯 Honey sel kaha kare mo. 09792556654/9415955886 sampark

    • जब आप मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण किये होंगे तो आपको इसे बेचने के लिये अच्छा और उचित मार्केट या बाजार कहाँ उपलब्ध होगा बताया गया होगा|
      अगर इसके बाद भी आपको मार्केट या बाजार के बारे में जानना है तो
      • सुरुवात करने के लिये अपने साथी, मित्रगण को बेच सकते है तथा उनके माध्यम से प्रचार प्रसार करवा कर अन्य लोगो को बेच सकते है|
      • खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों और Cosmetologist (ब्यूटी प्रोडक्ट्स के निर्माता) के निर्माता वर्ष के किसी भी समय इस उत्पाद को खरीदने में रूचि रखते है|
      • आप अपने आस पास के एरिया का सर्वे करके उसी उत्पाद को बेचने वाले अन्य विक्रेताओ से संपर्क करके अपना उत्पाद उनके माध्यम से बेच सकते है|

      इसके अलावे और भी जितने प्रकार के मार्केट या बाजार और मार्केटिंग के तरीके है उनके बारे में इसी ब्लॉग पर विस्तृत रूप से जानकारी दे दी जाएगी| अपडेट के लिये बेल बटन को दबा कर unnat kheti badi ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते है|

  2. Hello from Sporthappy.

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