कड़कनाथ मुर्गा , कड़कनाथ मुर्गी , कड़कनाथ मुर्गी पालन , कड़कनाथ मुर्गा फार्म
कड़कनाथ मुर्गा का परिचय ( Introduction of Kadaknath Chicken )
किसान भाइयो और मेरे प्यारे मित्रो आज हम कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Murga) की चर्चा करेगे जिसे आपने किसी न किसी के मुंह या किसी अन्य जगह से एक ना एक बार सुना जरुर होगा और अगर नहीं भी सुना तो कोई निराशा की बात नहीं आज हम आपको ऐसे मुर्गे के बारे में बतायेगे जिसका रंग एकदम काला है और साथ ही साथ उसका मांस और खून भी काला है |
तो भाइयो और बहनों है ना रोचक तो आपने बहुत जगह और बहुत लोगो से ‘कड़क चाय या कॉफ़ी ’ के बारे में तो ज़रूर ही सुना होगा? लेकिन, क्या आपने लोगो ने ‘कड़कनाथ’ मुर्गे के बारे में सुना है ? नहीं, तो आएये हम आपको अपने उन्नत्खेतीबड़ी ब्लॉग के माध्यम से कड़कनाथ मुर्गी पालन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। अगर आपको कुछ भी नहीं समझ आए या आप इस ब्लॉग से और जानकारी चाहते है तो कृपया करके हमे कमेंट करे और हमारी इस प्रयास को अपने मित्रो को भी साझा करे |
इस समय सर्दी के समय में कड़कनाथ नस्ल के मुर्गी के अंडे और मांस की बाजार में काफी अधिक मांग रहती है, क्योंकि इसका स्वाद और औषधीय गुणों के कारण ये और मुर्गे की तुलना में बहुत ही अच्छा माना जाता है| आज के समय में कड़कनाथ मुर्गी पालन किसानों के लिए मुनाफे का सौदा बना है, क्योंकि इसकी कई अन्य वजह भी हैं, एक तो पहला ये है कि कडकनाथ अन्य की तुलना में महंगा बिकता है। इसके रखरखाव में लागत कम लगती है, दूसरा ये है कि ये खाने वाले को कई बीमारियों में फायदा पहुंचाता है।
तो भाइयो आप इस कड़कनाथ मुर्गा फार्म का व्यवसाय करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं | अगर आप पोल्ट्री फार्म करने का सोच रहे हैं तो आपके सब लिए ये एक बेहतर बिजनेस आइडिया हो सकता हैं |
READ MORE | और पढ़े:
- बरसात में सब्जी की खेत
- Aquaculture in Hindi
- मधुमक्खी पालन | BEEKEEPING
- मार्च-अप्रैल में बोई जाने वाली सब्जियां
- फसल किसे कहते है | What is Crop
- खीरा की खेती | Cucumber Ki Kheti
- भिंडी की खेती
कड़कनाथ मुर्गा पालन ( Kadaknath Poultry Farming )
कड़कनाथ मुर्गा की बात करे तो यह इस समय का एक प्रचलित और अच्छी कमाई देने वाला व्यापार के रूप में उभर का सामने आ रहा, यह मुर्गे की एक मुख्य नस्ल है, जो की पूरी तरह से रंग में काली होती है और इनता ही नहीं इसका मांस तथा खून भी काला होता है, और इनके अंडे सुनहरे रंग के होते हैं |
कडकनाथ को हम काली मासी भी कहते है |
कड़कनाथ मुर्गा की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के धार और झाबुआ जिला से हुई है | कडकनाथ को ज्यादातर ग्रामीण गरीबों तथा आदिवासियों द्वारा ही पाला जाता है, और इसके स्वास्थ्य से जुड़े फायदों को देखते हुए इसकी बाजार में मांग अधिक रहती है | कड़कनाथ की गुणवत्ता के कारण ये काफी महंगा भी बिकता है|
आपको एक महत्वपूर्ण बात बताती हू यह की हमारी भारतीय क्रिकेट टीम के प्रसिद्ध खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी ने भी इन सब गुणों के कारण ही मुर्गो को पाल रखा है और कड़कनाथ मुर्गे से वे कड़क कमाई करते हैं |
महेंद्र सिंह धोनी ने भी पाल रखें हैं कड़कनाथ मुर्गे ( Mahendra Singh Dhoni also keeps Kadaknath chickens )
महेंद्र सिंह धोनी किसी भी पहचान का मोहताज नहीं जैसा कि सभी जानते है हम सब के पसंदीदा क्रिकेट खिलाडी को भी फार्मिंग में काफी रूचि है | महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट में तो किंग हैं ही, साथ ही खेती किसानी में भी वह बेहतरीन कार्य कर रहें हैं | पिछले साल नवम्बर में उन्होंने मध्यप्रदेश के झाबुआ के प्रसिद्ध कड़कनाथ नस्ल के 2000 चूजे को मगाया और पालना शुरू कर दिया | रांची के बाजार में अब धोनी जी के फार्म से कड़कनाथ मुर्गे और इनके अंडे बिक्री के लिए आसानी से उपलब्ध रहते हैं |
कड़कनाथ मुर्गाकी विशेषताएं ( Features of Kadaknath Chicken )
- कड़कनाथ मुर्गा अपने काले मांस तथा खून के लिए जाना जाता है, जो की इसके रंजकता का परिणाम है।
- इसका नस्ल को आमतौर पर बहुत दुबले होने के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि पक्षी में बहुत कम वसा होती है।
- कड़कनाथ मुर्गे को एक अच्छा उड़ने वाला पक्षी माना जाता है और साथ ही साथ यह बहुत सक्रिय होने के लिए जाना जाता है।
- कड़कनाथ में अधिक मात्रा में प्रोटीन होती है, और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी काफी कम होता है। सबसे बड़ी खासियत वसा की मात्रा कम होने के कारण ये हृदय और डायबिटीज रोगियों के लिए इसका चिकन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
- मुर्गे की इस नस्ल की प्रजनन दर कम होती है और ये गरीब ब्रूडर हैं, इसलिए प्रजनन में समय लगता है।
कड़कनाथ चिकन के बारे में त्वरित तथ्य ( Quick facts about Kadaknath Chicken )
नस्ल का नाम | कड़कनाथ चिकन |
उत्पत्ति का स्थान | भारत |
उपयोग | मांस, अंडे, दवा, बलिदान |
कॉक (पुरुष) का आकार | 1.8–2 किग्रा (4.0–4.4 पौंड) |
मुर्गी (महिला) का आकार | 1.2–1.5 किग्रा (2.6–3.3 पौंड) |
रंग | काला / ग्रे, कुछ किस्मों में सफेद और सोना होता है |
जीवनकाल | 12 साल |
जलवायु सहिष्णुता | बढ़िया |
देखभाल स्तर | मध्यम |
अंडा उत्पादन | एक वर्ष में 105 अंडे |
अंडे का वजन | 40 ग्राम |
यौन परिपक्वता | 180 दिन |
कड़कनाथ मुर्गा में पाए जाने वाले पोषण तत्त्व ( Nutritional Value of Kadaknath Chicken )
कड़कनाथ का पोषण मूल्य अधिक होता है, अन्य चिकन नस्लों की तुलना।
- कोलेस्ट्रॉल मिलीग्राम – 100 ग्राम 184 मिलीग्राम / 100 ग्राम
- फैट (%)- 0.73-1.03%
- प्रोटीन (%) -25%
- लिनोलिक एसिड (%) -24%
कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति ( Origin of Kadaknath Chicken )
कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति की बात करे तो यह मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की कठ्ठिवाड़ा और अलीराजपुर के जंगलों में हुई है। इसी कारण से मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग मिला हुआ है। आपको जानकारी के लिए बता दें, कि जीआई टैग एक विशेष तरह की पहचान होती है, जिसका निर्धारण भौगोलिक उत्पत्ति और विशेष गुणों के आधार पर ही किया जाता है। यह टैग का यह उदेश्य है, कि इसके जैसा कोई और नहीं है।
कड़कनाथ मुर्गा पालन कैसे करें ( How to Rear Kadaknath Chicken )
- कड़कनाथ मुर्गी का पालन कोई भी कर सकता है बस आपको थोडा जानकारी होनी चाहिए जिससे की आपको पालन में कोई दिक्कत ना हो इसलिए आप इसकी जानकारी कही से भी ले सकते है आपके आस-पास पशु पालन विभाग हो तो आप वहाँ से जानकारी ले सकते है या तो आप गूगल से भी जानकारी ले सकते है |
- आप देसी मुर्गी की तरह ही इस मुर्गी का पालन कर सकते हैं, और इस मुर्गे के खान-पान में कोई ज्यादा खर्च नहीं आता है। इनके चारे के लिए आप ये हरे चारे जिसमे की बरसीम, बाजरा चरी को भी दे सकते है जिसे खाकर भी इनका वृद्धि तेजी से होता हैं।
- चूजों के लिए आप किसी प्रगतिशील किसान या जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र या पशु पालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। इसमें आप शुरुआत में कम से कम 30 चूजो से कर सकते हैं। बजट के अनुसार आप संख्या में वृद्धि कर सकते है |
कड़कनाथ मुर्गी पालन के तरीके ( Kadaknath Chicken Farming Methods )
- खुले पोल्ट्री फार्म बनाकर ( By making open poultry farm )
- बन्द पोल्ट्री फार्म बनाकर ( By making a closed poultry farm )
मुर्गी फार्म के लिए स्थान का चयन करना ( Select the Location for the Chicken Farm )
कड़कनाथ मुर्गी फार्म के लिए मुख्य रूप से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यान देते हुए फार्म का स्थान चयन करे
- मुर्गी आवास को शहर या कस्बों से दूर बनाना चाहिए।
- मुर्गी के आवास में पानी एवं विद्युत की उचित व्यवस्था होना चाहिए।
- मुर्गी आवास को पहाड़ी एवं निचले क्षेत्र में नही बनाना चाहिए।
- मुर्गी आवास में आवश्यक है, कि सूर्य की रोशनी मिलता रहे, और साथ ही साथ इस बात का भी विशेष ध्यान देना चाहिए कि सूर्य की किरणें सीधे आवास के अंदर प्रवेश न करे | इससे बचने के लिए मुख्य रूप से आवास की लम्बाई पूर्व से पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- मुर्गी आवास की उॅचाई मुख्य रूप से 12 से 15 फिट तक होना चाहिए।
- मुर्गी आवास की चैड़ाई लगभग 20 से 25 फिट से अधिक नही होना चहिए।
- मुर्गी आवास में गन्दे पानी की निकासी का उचित साधन होना चाहिए।
दुनिया में कड़कनाथ मुर्गा की पायी जाने वाली नस्लें ( Breeds of Kadaknath Found in the World )
- कड़कनाथ – मध्य प्रदेश, भारत के मूल निवासी।
- सिल्की – चीन के मूल निवासी।
- अय्यम सेमानी – इंडोनेशिया के मूल निवासी
मुर्गी दाने या भोजन की व्यवस्था ( Arrangement of feed or food for Kadaknath Chicken )
आहार में मुख्य रूप से मक्का, सोयाबीन की खली, चावल की चोकर एवं प्रीमिक्स इन सभी से मिलकर बना होता है। इनमें से प्रीमियम के अलावा सभी चीजें किसान अपने खेत में उगाये गये उत्पाद जैसे मक्का, सोयाबीन व अन्य फसल उत्पाद को सारणी में बताये अनुसार उपयोग कर सकता है। इसका उपयोग कर किसानों को कुक्कुट आहारके परिवहन का खर्चा भी बच जायेंगा।
कड़कनाथ मुर्गा के फायदे ( Benefits of Kadaknath Poultry Farming )
कड़कनाथ मुर्गा के फायदे के फायदे की बात करे तो निम्नलिखित है:-
- कड़कनाथ मुर्गों की विशेषता के कारण इसका बाजार भाव के साथ ही साथ इसकी मांग भी दिन प्रतिदिन बढती जा रही है |
- यह अन्य मुर्गियों के तुलना में अधिक प्रतिरोधक क्षमता रखता है |
- इसमें अधिक औषधीय गुण होता है |
- कड़कनाथ मुर्गो का रखरखाव बेहद आसान होता है |
- इनके खानपान में भी ज्यादा खर्च नहीं आता है |
- इसका मांस (meat) कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है |
- इसका मांस (meat) बनावट और स्वाद वाला होता है।
- कड़कनाथ की नस्लें किसी भी प्रकार के वातावरण के अनुकूल होती हैं।
- कड़कनाथ का मांस रक्त कोशिकाओं (cells) और हीमोग्लोबिन (hemoglobin) को बढ़ाने में मदद करता है और फुफ्फुसीय ( pulmonary ) समस्याओं को ठीक करने में सहायता करता है।
- कड़कनाथ अंडे का उपयोग मुख्य रूप से सिरदर्द, प्रसव के बाद की समस्याओं, अस्थमा और नेफ्रैटिस के इलाज के लिए किया जाता है।
- समान प्रकार की पोल्ट्री नस्लों की तुलना में कड़कनाथ के मांस में अधिक प्रोटीन, कम वसा और कम कोलेस्ट्रॉल होता है।
- कड़कनाथ के मांस की कीमत की बात करे तो ये लगभग 600 से 800 रुपये/किलो होती है, तथा इनके अंडे पौष्टिक भी होते हैं, इसका बाजार में मूल्य 40 से 50 रुपये/अंडे तक होता हैं |
- उच्च फ़ीड रूपांतरण अनुपात के कारण ये 100 से 125 दिनों में 1.10 से 1.25 किलोग्राम अपना वजन बढ़ा सकते हैं।
- इन मुर्गियों को नियंत्रित वातावरण में बढ़ने के लिए प्रारम्भ में थोड़ी अधिक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है और बाद में उन्हें स्वतंत्र रूप से खुले मैदान में छोड़ा जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQs ):
प्रश्न : कड़कनाथ मुर्गा की कौन-कौन सी प्रजाति पाई जाती है?
उत्तर-कड़कनाथ मुर्गा में मुख्य रूप से तीन प्रजातियां (जेट ब्लेक, पेंसिल्ड, गोल्डन) पाई जाती है, इसमें से जेट ब्लेक नस्ल की बाजार में मांग बहुत ज्यादा होती है, और यह प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। इसकी गोल्डन प्रजाति कम पायी जाती है।
प्रश्न : कड़कनाथ मुर्गे का वजन कितना होता है?
उत्तर-नर कड़कनाथ व्यस्क मुर्गे का औसतन वज़न की बात करे तो ये लगभग 1.80 से 2.25 किलोग्राम होता है, तथा मादा कड़कनाथ व्यस्क मुर्गी का वजन लगभग 1.25 से 1.50 किलोग्राम तक होता है।
प्रश्न : प्रतिवर्ष कड़कनाथ मुर्गी कितने अंडे देती है?
उत्तर-कड़कनाथ मुर्गी प्रतिवर्ष में लगभग 110 से 120 अंडे देती है।
प्रश्न : कड़कनाथ मुर्गी के अंडे का रंग कैसा होता है?
उत्तर-इसके अंडे छोटे, माध्यम आकर के हल्के भूरे या गुलाबी रंग के होते है।
प्रश्न-क्या कड़कनाथ फार्मिंग लाभदायक होता है?
उत्तर-भारत में आज के समय में कड़कनाथ मुर्गा पालन काफी फायदेमंद हैं, क्योंकि दिनप्रतिदिन इसकी मांग बढती जा रही है | अगर आप 100 मुर्गियां भी रखते हैं, तो छठे महीने से आप 50 हजार या उससे ज्यादा भी मुनाफा कमा सकते हैं|
प्रश्न-कड़कनाथ मुर्गा कितने दिनों में तैयार हो जाता है?
उत्तर-कड़कनाथ मुर्गा तैयार होने, में थोड़ा अधिक समय लग जाता है, इसे लगभग 6 से 8 महिना लग जाते हैं| लेकिन अगर बात करे इसके कीमत की तो ये समय कुछ भी नहीं है| कड़कनाथ का मांस (meat) बाजार में लगभग 600 से 1000 रूपये किलो तक बिकता है, और बात करे सर्दियों के मौसम की तो ये और अच्छे दम मिलते हैं| इसके अंडे की कीमत भी लगभग 30 से 60 रूपये तक होती हैं | एक कड़कनाथ मुर्गी को बाजार में बेचा जाए तो उसका कम से कम 3 से 5 हजार मिल जाता है|
प्रश्न-कड़कनाथ नस्ल की मुर्गी को आहार में क्या दिया जाता है?
उत्तर-खाने के लिएआमतौर परपानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज सामग्री आदि दिए जाते हैं, जैसे : मकई, चावल ,चोकर, चिनियाबादाम की खली, मछली का चूरा, चूने का पत्थर, हड्डी का चूर्ण, नमक, सरसों की खली आदि |
प्रश्न-कड़कनाथ नस्ल के चूजे की कीमत क्या रहती है?
उत्तर-कड़कनाथ नस्ल के एक चूजे की कीमत 70 से 100 रुपयों तक रहती है |
प्रश्न- कड़कनाथ नस्ल का चूजा कहाँ मिलता है?
उत्तर- यह दुनिया में केवल मध्यप्रदेश राज्य के झाबुआ और अलीराजपुर जिला में पाया जाता है |
प्रश्न- कड़कनाथ का मांस खाने के क्या-क्या फायदे हैं?
उत्तर- कड़कनाथ मुर्गे का मांस खाने से हमारे आंखों की रोशनी तेज होती है। साथ ही साथ शारीरिक उर्जा और स्टैमिना में भी काफी इजाफा होता है। कड़कनाथ का सेवन हृदय रोगों और डायबिटीज में काफी गुणकारी है।
प्रश्न- क्या हम कड़कनाथ चिकन निर्यात कर सकते हैं?
उत्तर- कड़कनाथ का निर्यात हम आराम से अपने जिला और बाजारों में कर सकते है | अगर हम बड़े पैमाने पर कड़कनाथ का पालन कर रहे तो इसके लिए ईकोमेर्स साईट पर भी बेच सकते है |