
आजकल बाजार में महंगे फर्टिलाइजर, टॉनिक और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं, लेकिन कई बार इनके उपयोग के बाद भी आशानुरूप परिणाम नहीं मिलते। यदि आप अपनी फसलों के लिए एक शक्तिशाली, सस्ता और पूरी तरह से जैविक फर्टिलाइज़र बनाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस घरेलू फार्मूले से आप ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड, फुलविक एसिड सहित अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं, जिससे फसल की उपज और मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।
हाई-पावर फर्टिलाइजर बनाने की सामग्री:
- पुराने उपले (कंडे) – 5 लीटर पानी के लिए 1 किलो
- दही – 50 लीटर टैंक के लिए 1.5-2 किलो
- बेसन – 50 लीटर पानी में 250 ग्राम
- गुड़ – 50 लीटर पानी में 500 ग्राम
फर्टिलाइजर तैयार करने की विधि:
चरण 1: सही टैंक का चयन करें

- यदि एक एकड़ के लिए तैयार कर रहे हैं, तो 200 लीटर का टैंक लें।
- छोटी फसल के लिए 50-100 लीटर का टैंक उपयुक्त रहेगा।
- टैंक को साफ पानी से धोकर तैयार करें।
चरण 2: उपलों का उपयोग करें

- सबसे पहले गाय, भैंस या किसी अन्य पशु के पुराने उपले लें।
- उपले कम से कम 6 महीने से 1 साल पुराने होने चाहिए।
- 50 लीटर पानी में 5 उपले (लगभग 5 किलो) डालें।
- ये फर्टिलाइज़र में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश प्रदान करेंगे और फसल की वृद्धि को बढ़ावा देंगे।
चरण 3: दही मिलाएं

- 50 लीटर पानी में 1.5 से 2 किलो दही डालें।
- दही में मौजूद लैक्टिक एसिड एक प्राकृतिक एंटीफंगल की तरह काम करता है, जिससे फसल में रोग नहीं लगते।
- दही मिट्टी की संरचना को सुधारता है और पोषक तत्वों को बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
चरण 4: बेसन मिलाएं

- 50 लीटर पानी में 250 ग्राम बेसन मिलाएं।
- बेसन में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कॉपर, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के लिए आवश्यक होते हैं।
- यह फसल को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है और उनकी वृद्धि तेज करता है।
चरण 5: गुड़ मिलाएं

- 50 लीटर पानी में 500 ग्राम गुड़ मिलाएं।
- गुड़ से अच्छे बैक्टीरिया और लाभकारी फंगस बढ़ते हैं, जो मिट्टी में जैविक उर्वरता को बनाए रखते हैं।
- गर्मी के मौसम में गुड़ की मात्रा कम रखें और सर्दियों में बढ़ा सकते हैं।
फर्टिलाइजर को तैयार करने और उपयोग करने का तरीका
चरण 6: मिश्रण को तैयार करें

- सभी सामग्री को टैंक में डालने के बाद पानी से पूरा भर दें।
- मिश्रण को ढक्कन से ढककर छायादार जगह पर रखें।
- गर्मियों में इसे छायादार स्थान पर रखना जरूरी है, जबकि सर्दियों में इसे खुले में भी रखा जा सकता है।
चरण 7: फर्टिलाइजर को तैयार होने दें

- गर्मियों में 7-10 दिन और सर्दियों में 15 दिन तक इसे छोड़ दें।
- इसे समय-समय पर हिलाते रहें ताकि सभी तत्व ठीक से घुल जाएं।
- यदि आप इसे लंबे समय तक रखना चाहते हैं, तो 1 महीने तक भी इसे स्टोर कर सकते हैं।
चरण 8: छानकर फसल में डालें

- जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाए, तो इसे छानकर उपयोग करें।
- ड्रिप सिंचाई या सामान्य सिंचाई के पानी में मिलाकर जड़ों में डालें।
- छने हुए बची हुई सामग्री को फिर से उपयोग किया जा सकता है।
- इसमें थोड़ा और गुड़ व दही डालकर नए मिश्रण के रूप में 2-3 बार और इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस फर्टिलाइजर के लाभ:
✅ सभी प्रकार की फसलों में उपयोग कर सकते हैं – सब्जियां, अनाज, बागवानी फसलें, आदि।
✅ फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
✅ पौधों में अधिक शाखाएं, फूल और फल आते हैं।
✅ मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और इसकी संरचना सुधरती है।
✅ सिंचाई के पानी की खपत कम होती है।
✅ बाजार में मिलने वाले महंगे फर्टिलाइज़र की आवश्यकता नहीं पड़ती।
✅ कोई साइड इफेक्ट नहीं – पूरी तरह से जैविक और पर्यावरण के अनुकूल।
कैसे और कब उपयोग करें?
- छोटी फसल के लिए 50 लीटर का टैंक पर्याप्त रहेगा।
- बड़ी फसल के लिए 100-200 लीटर के टैंक का उपयोग करें।
- इसे पूरे फसल चक्र में एक बार तैयार करें और तीन बार तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फसल के किसी भी विकास चरण में उपयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष
यह जीरो बजट में तैयार होने वाला फर्टिलाइज़र आपकी फसल की उपज को कई गुना बढ़ा सकता है। यह न केवल मिट्टी को उपजाऊ बनाएगा बल्कि आपकी खेती की लागत भी बचाएगा। इसे बनाना बेहद आसान और पूरी तरह से प्राकृतिक है।
यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अधिक से अधिक किसानों तक जरूर साझा करें। इससे वे भी अपने खेतों में जैविक खेती को बढ़ावा दे सकेंगे और महंगे रसायनों से बचकर स्वस्थ व लाभदायक खेती कर पाएंगे।